रविवार, नवंबर 20, 2011

आप सदा आनंद से कैसे भरे रहते हैं ?

मेष mar 21 – apr 20
जीवन में दुख आते हैं । यदि सीखने की क्षमता हो । तो दुख बहुत कुछ सिखाते हैं । यह कि क्या गलतियां कीं । और यह भी कि कैसे गलतियों से बचा जाए । यदि इस समय आप इस बात को गहरे दिल में बैठाकर वर्तमान में हो रहे घटनाक्रम को देखेंगे । तो निश्चित मानिये कि आने वाले दिन बहुत ही शुभ और सुखों से भरे होंगे । ऐसा नहीं होने पर जीवन पुनरावृत्ति करता रहेगा । और ऐसे में कोई ज्योतिषी या कुछ और सुख या शांति नहीं ला सकता । यह बात ग्रहों या जन्मकुंडलियों की उतनी नहीं है । जितनी कि समझ और जागकर जीने की । समय है । जब ओशो की देशना को व्यावहारिक रूप से जीवन में उतारें । और ऐसा होता है । तो सुख और प्रसन्नता ज्यादा दूर नहीं हैं ।
वृषभ apr 21 –may 21
भले होना और भोला होना शुभ है । और अपनी गुणवत्ताओं को खयाल में रखकर हर किसी से यह उम्मीद करना कि वे वैसा ही व्यवहार करें । जैसे कि आप हैं । तो कई बार ऐसा संभव नहीं होता है । क्योंकि हरेक का अपना जीवन और अपनी समझ है । न तो आप उनकी अपेक्षाएं पूरी करने के लिए हैं । न ही वे आपकी अपेक्षाएं पूरी करने के लिए । आंख खोलकर इस तथ्य को देखें कि सिर्फ अपने भोले होने की दुहाई देकर दूसरों का भावनात्मक शोषण नहीं किया जा सकता है । समय है । जब आप अपनी भूलों को ठीक से देखें । और उन्हें अपने मन के अर्थ न दें । अधिक व्यावहारिक होना आपको जीवन में 1 नई ही दिशा दे सकता है । यह माह आपके लिए ऐसा ही अवसर लेकर आया है । और यह जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य सिद्ध हो सकता है ।
मिथुन may 22 –june 21
जीवन में समस्याएं आती रहती हैं । हर समस्या के लिए इधर उधर हल ढूंढने से न तो आज तक हल मिला । न ही समस्याओं में कमी आई । ओशो कई बार स्मरण दिलाते हैं कि समस्याओं के निदान कोई और नहीं दे सकता है । हमें अपने भीतर ही ढूंढ़ने होंगे । और आप ऐसा कर सकते हैं । लेकिन सम्यक प्रयास इस दिशा में कभी किया ही नहीं । ओशो की देशना और उनके बताए ध्यान प्रयोग भीतर ले जाने के लिए बहुत ही कारगर उपाय हैं । इतने सरल । सहज और उपलब्ध निदान के होते । यदि आप अब भी बाहर ही देखते हैं । और परेशान रहते हैं । तो यह आपका चुनाव है । थोड़ा सा जागें । थोड़ा सा सही दिशा में प्रयास करें । और आप देखेंगे कि जिसे बाहर ढूंढने में इतना समय दिया । वह काम चुटकियों में हो जाता है ।
कर्क june 22 – july 22
ऐसे अवसर आते हैं । जब सुखों और शुभ समाचारों की एक लड़ी सी लग जाती है । जो भी इस समय आपके साथ हो रहा है । उसके कारण आप स्वयं को अति सौभाग्यशाली मान रहे हैं । और ऐसा मानना भी चाहिए । अस्तित्व ने इतने उपहारों से आपको एक तरह से लाद दिया है । अनुग्रह का आना । और अहोभाव से भरना अभी बहुत ही आसान है । और ये ऐसी बातें हैं । जो जीवन को हमेशा ही उच्च से उच्चतर दिशा में ले जाती हैं । यदि अभी आप इसको गहरे से गहरा उतार पाते हैं । तो आने वाले दिनों में यह भाव आपके जीवन को अधिक स्वस्थ और आनंददायी रखेंगे । इससे पहले कि 4 दिन की चांदनी मिट जाए । और अंधेरी रात की शुरुआत हो,। दीया जला लेना विवेकपूर्ण होगा । और दीया है । अहोभाव । अनुग्रह । कृतज्ञता । ओशो के साथ तो यह और अधिक आसान है ।
सिंह july 23-aug 23
जबसे आपके जीवन से कोई विशेष व्यक्ति गया है । आप बेचैन व दुखी रहते हैं । बुनियादी भूल यह हो गई कि आप यह मानकर चल रहे थे कि जीवन में जो कुछ भी हो रहा था । वह उस व्यक्ति की वजह से हो रहा था । ऐसा सत्य नहीं है । यह आप और आपका प्रेम है । जिसने इतना आनंद दिया था । दूसरे की सन्निधि में स्वयं को न भूलें । स्मरण करें कि यह आप ही हैं । जो प्रसन्न थे । और आप आज भी प्रसन्न हो सकते हैं । बाह्य बातें आपकी प्रसन्नता को न तो ला सकती है । न ही ले जा सकती है । निश्चित ही अभी आप कुछ अपने दिन की शुरुआत ओशो सक्रिय ध्यान से करें । यह आपको पूरी तरह से झकझोर देगा । और नई ऊर्जा से भर देगा । और आप एक दिन सहज ही हंस पड़ेंगे कि आनंद तो आपका अपना ही है । न तो कोई ले जा सकता है । न ही कोई दे सकता है ।
कन्या aug 24 - sept 23
जीवन के प्रवाह में अटक जाना बुनियादी भूल है । ओशो कई बार कहते हैं कि जीवन एक प्रवाह है । इसे रोककर डबरा न बनाओ । और जैसे ही हम डबरे बनने लगते हैं । दुर्गंध का आना तय है । और फिर हम दुखी होते हैं कि दुर्गध क्यों हो रही है । जितना आप प्रवाहित रहेंगे । और जीवन में हो रहे बदलावों के साथ सहज ही बहते चले जाएंगे । उतनी ही प्रसन्नता और आनंद आता जाएगा । कृपया अपनी पकड़ को थोड़ा ढीला छोड़ें । ओशो प्रवचन इस दिशा में तरल करने के लिए बहुत सहायक होते हैं । एक प्रवचन हर सुबह हृदयंगम करें । और फिर अपने दैनंदिनी में जुट जाएं । यह माह आपको इतना बड़ा पाठ दे सकता है कि आप स्वयं पर तो मुस्कराएंगे ही । आप अपने आसपास आने वाले लोगों को भी मुस्कुराने का अवसर देंगे ।
तुला ( सितंबर 24 - अक्टूबर 23 )
यह तय है कि आप बहुत कुछ कर सकते हैं । और करते रहे हैं । जीवन की हर दिशा में सफलता और सृजन आपके लिए बहुत ही आसान रहा है । ऐसे अधिक महत्वाकांक्षी होना स्वाभाविक होता है । लेकिन यही बात आपके सृजन के लिए अवरोध बन जाती है । जितना इस बात को अपने दिल में गहरे से उतार सकें । उतना ही बेहतर । पहले ही आपका जीवन कुछ कदम उस दिशा में चला गया है । जहां प्रसन्नता की जगह तनाव आ रहा है । और इसके पहले कि यह तनाव आपके लिए बहुत भारी हो जाए । एक भरपूर हंसी हंस कर महत्वाकांक्षा को एक तरफ कर दें । जो है । उसका आनंद लें । अपने सृजन को प्राथमिकता दें । और यदि ऐसा कर पाते हैं । तो महत्वाकांक्षा ने जितना अहित किया है । उतना हित संभव हो सकता है । जो आप पाना चाहते हैं । वह आपके पास है ही ।
वृश्चिक ( अक्टूबर 24 - नवंबर 22 )
जो हुआ । हुआ । उसे अब जाने दो । उसे पकड़े रख कर दुखी रहना । निरी मूर्खता होगी । और यह इसलिए भी कि आने वाले दिन खुशियों और सुखों के बहुत सारे तोहफे लेकर आ रहे हैं । यदि पुराने को पकड़ कर रोते ही रहे । तो इन उपहारों से भी चूक जाएंगे । और तब अभाव की एक श़ृंखला बन सकती है । जो भारी से भारी होती चली जाएगी । समय है । आप जागें । और वर्तमान के लिए उपलब्ध हो जाएं । ऐसा करने पर बीते दुख तो बीती बात हो ही जाएगी । आने वाले सुख आपको अधिक स्वस्थ और मजबूत करेंगे । और यही बात इस माह आपको ठीक से सीखनी है । और इस समझ के लिए अपनी आंखें खोलनी हैं । खुली आंखों से जब जीवन इतना सुख देने वाला है । तो आंखें बंद करके दुखों से चिपके रहना शुभ नहीं है ।
धनु ( नवंबर 23 - दिसंबर 23 )
संवेदनशीलता और समझ में आपका कोई मुकाबला नहीं है । और इन्हीं गुणों की वजह से आप कई बार ऐसी परिस्थितियों में स्वयं को पाते हैं । जब यह पता नहीं चलता कि बात गलत हो कहां जाती है । कैसे कोई दूसरा व्यक्ति आपको आहत कर देता है । और आप ठगे से रह जाते हैं । संवेदनशील होने के साथ सुलझी समझ का होना जरूरी है । क्योंकि आपके आसपास लोग इतने संवदेनशील नहीं हैं । उनके अपने गुण और अवगुण हैं । जहां से जब वे जीवन को देखते हैं । तो वे भी वैसे ही स्वयं को ठगा हुआ पाते हैं । जैसे कि आप । और यह समझ आपको तो सहज करेगी ही । आपको यह भी समझ देगी कि दूसरों के गुणों का सम्मान कैसे किया जाए । और यह बदलाव इतना बड़ा हो सकता है कि आप स्वयं भी आनंदित होंगे । और दूसरे भी आनंद से भर जाएंगे । तब कोई भी ठगा हुआ महसूस नहीं करेगा ।
मकर ( दिसंबर 24 - जनवरी 20 )
दर्द और गम में होना कोई आश्चर्य नहीं है । जब जीवन बहुत अधिक बेहोशी से जीया जाए । आपकी बेहोशी ही आपके लिए हर कदम दुख ले आती है । आप यह देख कर हमेशा ही आश्चर्यचकित होते हैं कि दूसरे कैसे मुस्कुरा रहे हैं । आनंदित हो रहे हैं । जरा अपनी आंखों को खोलें । अपनी बेहोश प्रवृत्तियों के प्रति जागें । जो आदतें पड़ गईं । जिनकी वजह से बार बार आपको दुख देखना पड़ता है । उसके प्रति होश से भरें । होश और जागरण ही आपके जीवन में शुभ के लिए निदान हैं । ओशो की देशना इसी बात पर पूरी मानवता को अग्रसर करती है । आप सौभाग्यशाली हैं कि ओशो दर्शन से परिचित हैं । अब थोड़ा ध्यान करें । कम से कम तीन माह पूरे मन से ओशो सक्रिय ध्यान करें । ओशो हमेशा ही कहते हैं कि ध्यान में पूरा जोर लगा दें । इस बात को आप स्वर्ण सूत्र की तरह दिल में रखें । और अपनी सारी ऊर्जा ध्यान में डाल दें । ऐसा होता है । तो दर्द और गम तो परायी बात होगी ही । दूसरे लोग आपको देख कर आश्चर्य से भरेंगे कि आप सदा आनंद से कैसे भरे रहते हैं ।
कुंभ ( जनवरी 21 - फरवरी 19 )
सफलता और असफलता दोनों ही जीवन में कदम मिला कर चलते हैं । यदि यहां रात है । तो दिन भी है । समग्र स्वीकार भाव इन सबसे ऊपर उठा देता है । जितना आप सफलता का आनंद लेते हैं । उतना ही असफलता पर भी आनंदित हों । उसे भी अस्तित्व से आया । एक उपहार मान कर स्वीकारें । और यही स्वीकार भाव आपको यह दृष्टि देगा कि न तो सफलता सफलता होती है । न ही असफलता असफलता । यह तो बस मन के मानने की बातें हैं । और तब रात हो । या दिन । आप अपने भीतर हमेशा प्रकाश से भरे रहेंगे । ऐसा इसलिए भी जरूरी है । क्योंकि वर्तमान में असफलता ने आपको बहुत आहत किया हुआ है । स्वयं को आहत कर अपने आपको अधिक सजा न दें । स्वीकार भाव से भर जाएं । और असफलता का भी उत्सव मनाएं । ओशो तो हमें हर बात का उत्सव मनाना सिखाते हैं न । तो फिर देर किस बात की ।
मीन ( फरवरी 20 - मार्च 20 )
हो सकता है कि थोड़े समय के लिए आपको ऐसा लगे कि जीवन जैसा चल रहा है । वो आपको समझ ही नहीं आ रहा है । आप बहुत ही बेबूझ से भरे जीवन को लेकर उलझ गए हैं । ओशो कहते हैं कि जीवन कोई समस्या नहीं है । जिसे सुलझाना है । कोई उलझन नहीं कि उसका हल ढूंढ़ लें । जीवन बस रहस्य है । जिसका आनंद लेना है । आपके जीवन में सहज ही यह रहस्य सारी दिशाओं से आ रहा है । अब इसे पहेली बनाकर सुलझाने का प्रयास न करें । यदि ऐसा करते हैं । तो आप और भी अधिक उलझ जाएंगे । तब इस उलझन की एक अंतहीन सी श़ृंखला चल जाएगी । इस समय ओशो को सुनना आपको बहुत ही आनंदित करेगा । क्योंकि ओशो इस रहस्य का भरपूर आनंद लेना सिखाते हैं । सच मानिए,। समय तो आपके जीवन का ऐसा है कि जितना उत्सव मनाएं । उतना ही कम ।

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